गुरु गोबिन्द सिंह जी के 4 पुत्र अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह थे. ये चारों ही खालसा का हिस्सा थे। 26 दिसंबर के दिन ही जोरावर सिंह और फतेह सिंह, इसी हमले में शहीद हुए थे और बाकी परिवार वालों से अलग हो गए। उनकी शहादत को याद करने के लिए ही ये दिन मनाया जाता है. गुरु गोबिन्द सिंह जी चारों पुत्रों को 19 वर्ष की आयु से पहले ही मुगल सेना द्वारा मार डाला गया था। 2022 में जनवरी में गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व पर तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रतिवर्ष 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी।
इस्लामिक-अत्याचारस्य सा घोर-कथातथापि वीरबालदिवसस्य विषये चर्चां कुर्मः। सः १७०४ तमे वर्षे डिसेम्बरमासः आसीत् । मुगलसेना २० डिसेम्बर् दिनाङ्के कटुशीते आनन्दपुरसाहबदुर्गे सहसा आक्रमणं कृतवती । गुरुगोविन
१७०५ तमस्य वर्षस्य डिसेम्बर्-मासस्य ७ दिनाङ्के प्रातःकाले चमकौरस्य दैवयोग्यस्य युद्धस्य दिने बाबा ज़ोरावरसिंहजी इत्यनेन सह बाबा फतेहसिंहजी इत्यनेन सह तयोः पितामह्याः च मोरिण्डा-नगरस्य अधिकारिभिः जानीख